۸ مهر ۱۴۰۳ |۲۵ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 29, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/भावनाओं को भड़काने वाली संयुक्त महफिल का आयोजन जायज़ नहीं है और ज़ाहिर है की शादी बिवाह की महफिलों में ऐसा ही होता हैं लिहाज़ा संयुक्त महफिलों के बजाय अलग अलग इंतजाम किया जाना चाहिए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

उत्तर:क्या ऐसी शादियों की महफिल आयोजन करना जायज़ है कि जिसमें मर्द औरत साथ जमा हो जबकि हिजाब की भी रियायत की गई हो?

उत्तर:भावनाओं को भड़काने वाली संयुक्त महफिल का आयोजन जायज़ नहीं है और ज़ाहिर है की शादी बिवाह की महफिलों में ऐसा ही होता हैं लिहाज़ा संयुक्त महफिलों के बजाय अलग अलग इंतजाम किया जाना चाहिए

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